-
युवा प्रतिभाशाली चित्रकार
-
-
हुआ था पास से गुजर रहा हूँ।
-
गुजर रहे हैं?क्या यह बहुत बड़ा संयोग था महामहिम?
-
हाँ, अब बहुत कुछ संयोग बन रहा है!
-
वाह...
-
अच्छा संयोग था! सोसनेप्पी क्यों?धिक्कार है तुम पेइस्कमस्कम!
-
कुमारी...
मिस, आधिकारिक पेई एक ऐसा रिश्तेदार है। उसने हमारी बहुत मदद की है।।। आज भी ऐसा ही हुआ।।