रॉय, फिलहाल मांशा के चचेरे भाई को कालकोठरी में ले जाओ।
महामहिम, मेरे भाई ने मेरी रक्षा के लिए आवेगपूर्वक कार्य किया। इस बार इसे भूल जाओ।
प्रिय मंशा, मैं उसे भी जाने देना चाहता हूं। लेकिन आख़िरकार, उसने सम्राट को नाराज कर दिया, इसलिए वह बिना सज़ा के नहीं जा सका।
चिंता मत करो मंशा, मैं जल्द ही रिहा हो जाऊंगी।
...आज का कथानक बहुत तेजी से विकसित हुआ,
यह वास्तव में अप्रत्याशित है।। HICCUP~
पर कॉमिक्स खोजें और पढ़ें
यदि आप साइट तक नहीं पहुंच सकते हैं तो कृपया वीपीएन का उपयोग करें