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आज मौसम हल्का है
लेडी ईओएम...?
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कानाफूसी क्या महामहिम भीतर झुकी हुई हैं?
वह भोज की तैयारी में जुटी है।
फुसफुसाना
एक भोज, ऐसे समय में?
क्या कोई विदेशी दूत आ गया है?
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कुंआ...
आह, मास्टर.
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...तुमने मुझे पकड़ लिया है.
व्यस्त सी लगती हो।
मैंने सुना है आप भोज की तैयारी कर रहे हैं।
हाँ... ऐसे ही हुआ।
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हम्म लेकिन इतने मुश्किल समय में भोज क्यों होता है?
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कुंआ... सच में...
हालाँकि जब नागरिक भूख से मर रहे हों तो ऐसी कठिनाइयों से बचना उचित है।।।
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...कभी-कभी ऐसी घटनाएँ अपरिहार्य हो सकती हैं।
तब लोगों को वितरण के रूप में उपयोग करने के लिए बैंक्वेट फंड का एक हिस्सा आवंटित करना संभव होगा।
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ऐसे में लोग इस तरह के विस्तृत आयोजन से नाराज नहीं होंगे
वे हमें अपना आशीर्वाद भी दे सकते हैं।
आप यह सब कैसे सोचते हैं...?