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मैं अतीत में दांते की लाल आंख देखकर भाग गया हूं
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वहाँ से निकलने के लिए मेरी इंद्रियाँ मुझ पर चिल्लाने लगीं।
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मैंने बाकी सब चीजों के बाद इसके बारे में भूलने का नाटक किया
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होने लगा।
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लेकिन एलिडिड उस सही समय पर नज़र रख रहा था जिसे मैं कभी नहीं भूला।
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तो क्या हुआ अगर मुझे डर लग रहा है?
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मुझे अपने आवेगों के खिलाफ वापस जाने की जरूरत है, फिर से खड़े हो जाओ,
दांते'सी...
...रहस्य मेरे शरीर में छिपा हुआ है।।
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.और ऐसी चीजें जो मुझे खतरे में डाल सकती हैं
यह महसूस करते हुए जबरदस्त खुशी हुई कि मैं अंततः इसका सब कुछ पता लगा सका।।।