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प्रिय सिया भगवान का आशीर्वाद भी हमेशा उचित नहीं होता है।
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हर पुजारी को हाय आवाज सुनने की क्षमता का आशीर्वाद नहीं मिला है
उनमें से प्रत्येक ने सच्चे विश्वास का अभ्यास करने के बावजूद।
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ऐसी प्रतिभा से केवल आप ही धन्य हुए हैं
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लॉर्डप्लियन...!
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इसलिए, यहां तक कि मैं मनुष्यों के प्रति चयनात्मक होने से प्रतिरक्षित नहीं हूं।
हालाँकि मैं उनके भाग्य में हस्तक्षेप नहीं करता।
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आप मुझ पर इतनी भारी ज़िम्मेदारी का बोझ क्यों डालते हैं।।