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क्यों इतनी ज़िद्दी हो तुम!
मैं उस जीवन में लौटने से इनकार करता हूँ!
मैं वापस नहीं जाऊंगा कि चीजें कैसे हुआ करती थीं!
मैं विश्वास करता था।।
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एक खूबसूरत बगीचे में इवासन असाधारण फूल खिल रहा है
कि मुझे अपने जीवन से बहुत प्यार किया जाएगा,
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उसके जैसे लोगों से अवोर्लाजवे।
जब तक नियमों का पालन किया जाता है,
और अपना फर्ज निभाया
मुझे खुशी का वादा किया गया था।
वो और मैं एक ही हैं!
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वह सब। हमें अलग कर दिया था। का एक एकल मोड़। भाग्य।
जैसे हम खुद का दम घोंटते हैं
बेजोड़ सुंदरता का फूल बनने के लिए तरस रहा हूँ।।
हम हारते हैं
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हमारी मानवता
ठहरे हुए पानी पर ही टिका हुआ।
अगर मैं उससे कभी नहीं मिला होता
मैंने कभी नहीं सीखा होगा
कैसे मुक्त हो...!
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चरचराहट
भंडार कक्ष में चूहा...
शायद हमेशा से, वह चूहा मैं ही था।
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दुर्व्यवहार और दुर्व्यवहार...
जो दिया था मैंने बिना सवाल लिया।
"क्या आप जानते हैं कि कौवे जैसे गूंगे जानवर भी अपने माता-पिता की देखभाल करते हैं?"?
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"यदि आप सद्गुण के मार्ग पर बने रहें।।। 00
मैंने स्वीकार किया कि जिस तरह से जीवन था, वह
और आज्ञाकारी ढंग से आगे बढ़ाया गया।