-
नहीं!मैडम!यह एक ग़लतफ़हमी है-
मुझे मत छुओ!!
मारना
अर्घ...!
यह सैली है... सब झूठ है!!
कांपना
कांपना
उसने दोपहर के भोजन को इतने कूड़े से बर्बाद कर दिया।।
-
यह उसके अपने घर को धोखा देने से अलग नहीं है!
क्या?!
तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई!
उफ़!
ट्वीटी!
यह तुम्हें बताता है, मैंने सब कुछ देखा
-
उर्ग!
यह लानत पक्षी...!
यह 1S एक जाल है! यह वही है।।।।
तो गलत विचारधारा मत समझो प्रिय।।
आपकी हिम्मत कैसे हुई कि आप इससे बाहर निकलने की कोशिश करते रहें?!
-
मेरा पीछा करना बंद करो!रुकिए मैंने कहा!!
-
यहअधिक है...
...मुझे कुछ भी गड़बड़ है...!
हालाँकि यह मेरे लिए बहुत अच्छा है।।
अब मुझे उन्हें हार की वारंटी दिखानी होगी जो मैंने तैयार की है।।।
...और उन्हें बताएं कि यह असली जादू है!
कितना सरल!
सुबह 5 बजे
-
चौंका हुआ
-
अभी उस पक्षी से वह घटिया कॉलर फाड़ दो!
बेहतर अभी भी बस इसे तोड़-मरोड़ कर
वह क्या है...2
-
टुकड़
तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई...?
कुनेर
तरकश
तुम इस शरारत की हिम्मत कैसे कर सकते हो, तुम जो भी हो...!
उर्ग!