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दादी हमेशा कहती थी कि वह अकेली है।
वह निराश थी कि उसका अकेलापन उसे पागल कर रहा था।।
लोगों से घिरी होने और उसके पास सोने का पहाड़ होने के बावजूद।
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दादी ने दूर के प्रांतों को छोड़ दिया और अकेले मर गईं
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माँ
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किसी से प्यार नहीं किया।
उसका पति नहीं उसके बच्चे नहीं
देखना!
मेरी पहली कढ़ाई!
माँ पिता की पीठ पीछे शाम की पार्टियों में शामिल होने लगीं।।
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...और मुझे यह जानकर आश्चर्य नहीं हुआ कि उसका एक नया युवा प्रेमी था
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मैं सोलह साल का था जब मैंने छद्मवेशी पार्टियों में भाग लेना शुरू किया
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जब मेरे पास एक मुखौटा था तो मुझे लगा जैसे मैं भीड़ में से एक था
उस क्षण मेरी भटकती आत्मा कम से कम बाकी सभी के साथ घुल-मिल सकती थी।
डैफने मोंटेइरा को सबसे बड़े मेजबान बनने में केवल कई साल लगे